लघुकथा-छह
‘बच्चे, उस बाड़ से दूर रहना, उसे छूना नहीं. उसमें बिजली
चल रही है.’
‘लेकिन यह बाड़ यहाँ क्यों है? इसमें बिजली क्यों चल रही
है.’
‘यह सब हमारी सुरक्षा के लिये है.’
‘हमारी सुरक्षा? किस से?’
वृद्ध एकदम कोई उत्तर ने दे पाए. कुछ सोच कर बोले, ‘बच्चे,
यह बात तो मैं भी समझ नहीं पाया.’
‘वह हमें मूर्ख बना रहे हैं.’
‘शायद तुम सही कह रहे हो.’
तभी तीन आदमी आ पहुंचे. तीनों एक जैसे दिख रहे थे.
‘दादाजी, रोबोट आ गये!’
‘आपने कर देने में फिर देरी कर दी?’ एक आदमी बोला.
‘मुझे थोड़ा समय और चाहिये.’
‘आपका समय तो कब का समाप्त हो चुका है,’ दूसरे ने कहा.
तीसरे ने वृद्ध को उठा कर बाड़ की ओर धकेलना शुरू कर
दिया.
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