Tuesday, 19 February 2019


कमल हासन उवाच: क्यों नहीं हो रहा कश्मीर में जनमत?
एक रिपोर्ट के अनुसार कमल हासन ने सरकार से यह पूछा है कि वह कश्मीर में जनमत कराने से क्यों डरती है?
प्रश्न उचित है और हर उस व्यक्ति को ऐसा प्रश्न पूछने का अधिकार है जो राजनीति में स्थापित होना चाहता है. पर समस्या यह है कि कश्मीर पर ब्यान देने वाले अन्य बुद्धिजीवियों और राजनेताओं की तरह कमल हासन की जानकारी भी नगन्य है. 
यू एन के प्रस्ताव के अनुसार जनमत कराने की पहली शर्त है कि पाकिस्तान कश्मीर से अपने सारे नागरिक और सैनिक हटायेगा.
आज तक पाकिस्तान ने यह शर्त पूरी नहीं की है. अगर कमल हासन का हृदय कश्मीरियों के लिए द्रवित हो रहा है तो उन्हें चाहिये कि पाकिस्तान पर दबाव डालें और पाकिस्तान को यू एन प्रस्ताव की पहली शर्त पूरी करने के लिए उत्साहित करें. इस कार्य को पूरा करने के लिए वह सिधु और मणि शंकर की सहायता ले सकते हैं. (वैसे कमल हासन को इस बात की  जानकारी शायद न हो कि कश्मीर का कुछ भाग पकिस्तान ने चीन को भी दे रखा है और चीन तो वह इलाका कभी खाली न करेगा.)
जिस दिन पकिस्तान पहली शर्त पूरी कर देगा उस दिन कमल हासन के पास सरकार से यह प्रश्न पूछने का पूरा नैतिक अधिकार होगा.
कमल हासन को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वह ऐसा जनमत सिर्फ ‘कश्मीर’ में चाहते हैं या  ‘जम्मू और कश्मीर’  में? वहां और भी  लोग रहते हैं और उनकी भी अपनी कुछ अपेक्षाएं हैं.  

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