Tuesday 14 March 2017

बीजेपी को मीडिया का आभार व्यक्त करना चाहिए?
जब हम किसी विशाल पेड़ को देखते हैं तब हमें यह समझ लेना चाहिये कि उस पेड़ का बीज वर्षों पहले किसी ने बोया होगा. किसी विशाल नदी को देख कर जान लेना चाहिए की धारा का स्रोत कहीं दूर, बहुत दूर होगा.
ऐसा ही मानव समाज में होता है. जो घटनाएं आज घट रही हैं उनके बीज वर्षों पहले ही किसी न किसी ने बोये होते हैं. जिस रूप में हम किसी को आज देखते हैं वैसा रूप वह एक दिन में नहीं पा लेता. कई लोग और  कई घटनाएं उसके जीवन की धारा को प्रभावित करती  हैं.
जिस मुकाम पर आज मोदी जी पहुंचें हैं वहां तक पहुचने के लिए उन्होंने एक लम्बी यात्रा की है. उस यात्रा में कई महत्वपूर्ण पड़ाव रहे होंगे. कई बातों ने, कई घटनाओं ने, कई लोगों ने उन्हें उत्साहित किया होगा या उन्हें चुनौती दी होगी. इन सब चुनौतियों को पार कर आज वह एक जुझारू नेता के रूप में हम सब के समक्ष हैं.
एक मायने में मोदी जी के लिए सबसे बड़ी चुनौती तो मीडिया और बुद्धजीवी वर्ग ही रहा है. यहाँ एक बात समझ लेनी होगी कि मीडिया के लिये बुद्धिजीवी वही हैं जो पूरे या आधा-अधूरे  वामपंथी हैं. अन्य बुद्धिजीवी किसी गिनती में नहीं आते.
गुजरात दंगो के बाद लगभग सारे मीडिया ने मोदी जी को  पूर्णरूप से दोषी करार दे दिया था. वर्षों तक उनके विरुद्ध लगाये गए हर आरोप को मीडिया ने जिस तरह बहस का मुद्दा बनाये रखा  ऐसा शायद ही कभी हुआ था. आज भी मीडिया और बुद्धिजीवियों के रुख में कोई खास परिवर्तन नहीं आया. अभी कल ही किसी चैनल पर कोई कह रहे थे कि मोदी जी कभी भी ‘हिन्दुस्तान’ शब्द का प्रयोग नहीं करते, अपने देश को या तो भारत कहते हैं या इंडिया.
इतनी बारीकी से किसी और नेता का बातों का विश्लेषण आपने किसी चैनल या किसी समाचार पत्र में होते हुए क्या देखा है? ऐसी कृपा सिर्फ मोदी जी पर होती है.
उत्तर प्रदेश में बीजेपी  को इतनी भारी सफलता मिली. पर क्या चुनावों के पहले या चुनावों के दौरान किसी चैनल या किसी समाचार पत्र में आपने देखा या पढ़ा कि उत्तर प्रदेश में बदलाव की लहर उठ रही है? मीडिया कि इस चुप्पी के दो ही कारण हो सकते हैं. एक, मीडिया के लोग न अधिक मेहनत करते हैं, न उनमें उतनी समझ जितने उनसे अपेक्षित है. (कई वर्ष पहले मुझे किसी ने बताया था कि जो लोग कश्मीर में हो रही घटनाओं पर रिपोर्टिंग करते है वह सब दिल्ली से श्रीनगर आ तो जाते हैं पर रेजीडेंसी रोड पर स्थित एक होटल से बाहर कभी नहीं जाते. उसी होटल में स्थापित हो घाटी में हो रही घटनाओं पर अपनी रिपोर्ट लिख देते हैं).  दो, मीडिया ने तय कर रखा है कि मोदी जी की हर उपलब्धि को जितना घटा कर बता सकते हैं उतना घटा कर ही बताएँगे.
पर इन सारी चुनौतियों ने मोदी जी को शक्तिवान ही बनाया है. जिस संकल्प से मोदी जी ने चुनावों में प्रचार किया वह अविश्वसनीय था. मीडिया चाहे कितना भी नकारे, आज परिणाम सबके सामने है. मीडिया और बुद्धिजीवी वर्ग को गलत साबित कर मोदी जी देश की राजनीति में एक नया मोड़ लाने में सफल हुए हैं.
ऐसे में  बीजेपी को मोदी जी के प्रति तो अपना आभार व्यक्त करना ही चाहिये परन्तु अच्छा होगा अगर बीजेपी के लोग मीडिया और बुद्धिजीवियों के प्रति भी अपना आभार व्यक्त करें. 


5 comments:

  1. अच्छा और सटीक विश्लेषण किया है आपने !!

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  2. He has established himself as a master craftsman. Even opposition parties are getting scared of his stature.

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