Tuesday 10 October 2017

कोई सुधार न होगा

पिछले रविवार के दिन एक विश्वविध्यालय के चार विध्यार्थी एक सड़क दुर्घटना में मारे गए. दो अन्य युवक, जो उस गाड़ी में सवार थे, गंभीर अवस्था में हैं, अस्पताल में उनका ईलाज हो रहा है.
उन सब लड़कों की औसत आयु बीस के आसपास है. यह एक दुखदायी घटना है.
ध्यान देने वाली बात यह है कि सड़क दुर्घटनाओं में अधिकतर युवा लोग ही मरते हैं या घायल होते हैं.
एक रिपोर्ट के अनुसार 2015 में 1,20,626 पुरुषों की सड़क दुर्घटनाओं में जान गई थी. मरने वालों में 40% ऐसे पुरुष थे जिनकी आयु 21 से 34 वर्ष थी. लगभग 48,000 लोग, अपनी या औरों की लापरवाही के कारण, भरी जवानी में काल का ग्रास बन गए.
उन परिवारों के बारे में सोच कर भी दहशत होती है जिन परिवारों ने इतनी कम आयु के प्रियजनों को अकाल मृत्यु मरते देखा.
अगर हम 21 से 54 वर्ष की आयु के लोगों की बात करें तो यह आंकड़ा और भी चौंकाने वाला है. उस वर्ष (2015) में,  83,600 (अर्थात 70 %) पुरुष मारे गए जिनकी आयु 21 से 54 वर्ष थी. यह वह वर्ग है जो अपने परिवारों का लगभग सारा आर्थिक भार  अपने कंधों पर उठाता है. इन लोगों के अकाल मृत्यु से हज़ारों परिवार पूरी तरह बेसहारा हो गए होंगे.
जिन परिवारों के सदस्य सड़क दुर्घटनाओं में बुरी तरह घायल हो जाते हैं या अपाहिज हो जाते हैं उनकी स्थिति तो और भी दयनीय हो जाती है. जहां एक ओर आमदनी कम हो जाती या पूरी तरह समाप्त हो जाती वहां दूसरी ओर चिकित्सा पर खर्च सुरसा के मुख समान बढ़ता ही जाता है.
जिस गति से हमारी जन-संख्या बढ़ रही उससे कई गुना अधिक गति से सड़क पर होने वाली दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं. कई रिपोर्ट्स में यह बात सिद्ध हो चुकी है कि अधिकतर दुर्घटनाएं चालकों की गलती के कारण घट रही हैं. पर हम में से कोई भी इस समस्या को लेकर चिंतित नहीं है. इस कारण स्तिथि में शीघ्र ही कोई सुधार होगा ऐसी कल्पना करना भी गलत होगा.
पोस्ट-स्क्रिप्ट : देश में कितने लोग हैं जो स्वेच्छा से ट्रैफिक के नियमों का पूरी तरह पालन करते हैं? आपका क्या अनुमान है?
मेरे अनुमान के अनुसार बहुत कम लोग हैं जो ऐसा करते हैं. दिल्ली में अधिकतर सड़कों गाड़ी चलाने की गति-सीमा 50 किलोमीटर प्रति घंटा है. जब भी कभी कहीं पर रास्ता खाली मिलता है, मैं पचास की स्पीड पर अपनी कार चलाने का प्रयास करता हूँ. तब उस सड़क पर चलते लगभग सारे वाहन (तिपहिया समेत) तेज़ी से मेरी कार को पीछे छोड़ आगे निकल जाते हैं. यह सब नियमों की अवहेलना करते चलते हैं.


2 comments:

  1. People swear and make fun of you if you drive at 50kmph:(
    You're a hero if you break rules:(

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    1. that is why i foresee no fall the traffic accidents in India. thanks for stopping by

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