Tuesday 16 November 2021

 शुद्ध इंडियन सेकुलरवाद

“श्रीमान मणि शंकर आजकल बाबर और हुमायूं की खूब प्रशंसा कर रहे हैं,” मुकंदी लाल जी ने कहा.

“क्यों नहीं करेंगे? अगर किसी को भी अपने आपको सेक्युलर कहलवाना है तो इस देश में ऐसा करना उसके लिए अनिवार्य है.”

“अर्थात जो बाबर का प्रशंसक नहीं है, वह कम्युनल  है?” मुकन्दी लाल ने नाक-भौंह सिकुड़ते हुए कहा.

“निस्संदेह!”

“पर जो वह कह रहे हैं, क्या वह सत्य भी है या नहीं?”

“राजनेताओं का सत्य से क्या लेना-देना? राजनीति तो सत्ता का खेल है.”

“आश्चर्य है!”

“लेफ्ट-लिबरल सेक्युलर लोग तो सत्तर सालों से ऐसी बातें ही कर रहे हैं. आप आश्चर्यचकित क्यों हैं?”

“अगर ऐसा है तो कल यह भी कह सकते हैं कि बाबर को बदनाम करने के लिए आरएसएस के लोगों ने राम मंदिर ध्वस्त किया था.”

“बिलकुल कह सकते हैं. इतना ही नहीं, वह तो कह सकते हैं कि मुग़ल फ़ौज ने राम मंदिर को बचाने के लिए हिन्दू आतंकवादियों से लड़ाई लड़ी थी.”

“धन्य हैं हमारे नेता,” मुकन्दी लाल जी ने निराशा से कहा.

“अरे निराश क्यों हैं? इसी का नाम सेकुलरवाद है, शुद्ध इंडियन  सेकुलरवाद.”

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