महिला सशक्तिकर्ण से सूट-बूट तक
एक समय था की एक ‘युवा’
नेता को लगता था कि देश की हर समस्या का एक ही समाधान है और वह महिला सशक्तिकर्ण.
आप उनसे पूछते कि सरकार
में इतने घोटाले क्यों हो रहे हैं वह कहते की जब तक देश में महिला सशक्तिकर्ण न
होगा तब तक कोई सुधार नहीं हो सकता. देश में इतनी महंगाई क्यों? उत्तर मिलता,
इसीलिए हम महिला सशक्तिकर्ण पर इतना ज़ोर दे रहे है. रोज़गार कैसे बढ़ेगा? उत्तर, जब
हम महिलाओं का सशक्तिकर्ण कर पायेंगे. आपकी पार्टी चुनाव किस मुद्दे पर लड़ेगी,
उत्तर मिलता चुनाव महत्वपूर्ण नहीं हैं महिला.....
अब बात सूट-बूट की
हो रही है. अब ‘युवा’ नेता को लगता है की देश की हर समस्या की जड़ सूट-बूट में है. जो
लोग सूट-बूट पहनते हैं वह मछुआरों की समस्या कैसे समझेंगे और कैसे उस समस्या को हल
करेंगे. किसानों के साथ अन्याय हो रहा, सूट-बूट के कारण. उनकी ज़मीन हड़पने की बात
हो रही, किसानों की ज़मीन हड़प कर दे दी जायेगी, सूट-बूट वालों को.
पिछली सरकार ने
गेहूं का मूल्य 640 रूपए से बढ़ा कर 1400 रुपए कर दिया( वैसे यह बढ़ोतरी 10 वर्षों में हुई थी)
सूट-बूट सरकार ने सिर्फ 50 रूपए बढ़ाये, रियल
एस्टेट बिल में बदलाव हुए, सूट-बूट वालों के पक्ष में.
बात है भी सोचने
वाली. ‘युवा’ नेता ठीक कह रहे हैं. कोई नेता सूट-बूट पहन कर गरीबों के विषय में
सोच कैसे पायेगा? गरीबों की समस्या कैसे सुझायेगा? कैसे उनका दर्द समझेगा? वह तो सिर्फ सूट-बूट का या
सूट-बूट वालों का ही सोचेगा. सूट-बूट की सरकार सिर्फ अन्याय कर सकती है. इतिहास
गवाह है. अंग्रेजों ने हमारे देश २०० वर्ष कैसे राज किया इस देश में, सूट-बूट पहन
कर. कितने ही ऐसे तानाशाह हुए हैं अलग-अलग देशों में जो सूट-बूट में पूरा विश्वास रखते थे. सूट-बूट ही उनकी तानाशाही का सबसे मज़बूत आधार था. इतिहास फिर दोहराया जा रहा है. सूट-बूट फिर राज कर रहा है.
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