Monday, 18 May 2015

राजनीति और विवाह
गुलाबी दल के नेता के पुत्र का
लाल दल के नेता की पुत्री से
हुआ शुभ विवाह,
आयोजित हुआ एक अति भव्य समारोह,
नीले पीले/ श्याम श्वेत/ आड़े तिरछे
दलों के नेता
हुए आमंत्रित,
सभी विशिष्ट अतिथि आये
और सभी ने
भरपूर आनंद उठाया,
भूल कर
उन खंजरों को
जो कभी भोंके थे
एक-दूसरे की पीठ में उन्होंने, 
उन आन्दोलनों को
जो छेड़े दे कभी
एक-दूसरे की विरुद्ध उन्होंने,
उन कुर्सियों को
जो एक दूसरे से छीनी थी
(और कभी-कभार एक दूसरे पर
पटकी थी) उन्होंने,
उन गोलियों-लाठियों को
जो एक-दूसरे के समर्थकों पर
चलवाई थीं उन्होंने,
सब भूल कर
सब ने भरपूर आनंद उठाया,
वर-वधु को उपहारों से
और एक-दूसरे को
शुभ कामनाओं से रिझाया.

© आई बी अरोड़ा
यह व्यंग्य भी देखें

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