राजनीति और विवाह
गुलाबी दल के नेता
के पुत्र का
लाल दल के नेता की
पुत्री से
हुआ शुभ विवाह,
आयोजित हुआ एक अति
भव्य समारोह,
नीले पीले/ श्याम
श्वेत/ आड़े तिरछे
दलों के नेता
हुए आमंत्रित,
सभी विशिष्ट अतिथि
आये
और सभी ने
भरपूर आनंद उठाया,
भूल कर
उन खंजरों को
जो कभी भोंके थे
एक-दूसरे की पीठ में
उन्होंने,
उन आन्दोलनों को
जो छेड़े दे कभी
एक-दूसरे की विरुद्ध
उन्होंने,
उन कुर्सियों को
जो एक दूसरे से छीनी
थी
(और कभी-कभार एक
दूसरे पर
पटकी थी) उन्होंने,
उन गोलियों-लाठियों
को
जो एक-दूसरे के
समर्थकों पर
चलवाई थीं उन्होंने,
सब भूल कर
सब ने भरपूर आनंद
उठाया,
वर-वधु को उपहारों
से
और एक-दूसरे को
शुभ कामनाओं से
रिझाया.
© आई बी अरोड़ा
यह व्यंग्य भी देखें
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