सूट-बूट की सरकार
(एक टी वी चर्चा)
(यह व्यंग किसी भी
चैनल या किसी भी एंकर से प्रेरित हो कर नहीं लिखा गया. यह पूरी तरह काल्पनिक है)
एंकर – इस चैनल पर
हम सिर्फ सच सुनना चाहते हैं. यह इकलौता चैनल जो हर पल, हर घड़ी सच की खोज में
लगा रहता है. अगर आप लोग सच से डरते हैं
तो आप किसी और चैनल पर चर्चा कर सकते हैं.
यहाँ सच का सामना करने से कोई नहीं बच सकता. तो क्या यह सरकार सूट-बूट वाली
सरकार है
राजनेता 1 – यह
सरासर अन्याय है. यहाँ किसान आत्महत्या कर रहे हैं और आप सूट-बूट की चर्चा कर रहे
हैं.
राजनेता 2 और 3 (एक
साथ) - नहीं. बात यह नहीं है. बिलकुल सही कहा आपने. सिर्फ इस चैनल पर सच की बात
होती है. यह कम्युनल फोर्सेस की चाल है. किसान पहले भी.....सूट-बूट पहनना कब
से.....आप एक मिनट चुप रहिये....
एंकर – यह सच नहीं
है. सूट पहना था बूट भी पहने थे. सबने देखा था. हमारे पास पूरा विडियो है. सच बोलिए. आप मान क्यों नहीं लेते.
राजनेता 1 – आप पूरी
बात क्यों नहीं सुनते. अगर आप ने हमें बुलाया है तो हमें समय दें. हम यह कह रहे
हैं की पिछले....
एंकर – नहीं-नहीं,
हम आप की बात नहीं सुन सकते, आप स्वीकार करें की सूट पहना था. और आप को देश से
क्षमा मांगनी होगी. आपने लोगों के विश्वास का मज़ाक उड़ाया. उनको अपमानित किया. यही
सच है.
राजनेता 3 – इसी
कारण आज हमारी खिल्ली उड़ रही है. आप बताइये क्या जवाब है आपके पास श्रीनगर में...
राजनेता 2 – बात
कम्युनल फोर्सेस की हो रही थी. घर आने की, मेरा मतलब हैं वापसी की. घर वापसी की.
एंकर – हां, यही
मुद्दा है, अगर आप अपना समय सूट-बूट पर न लगाते तो यह सब क्या होता? नहीं होता.
बिलकुल नहीं होता. लेकिन आपको तो सिर्फ सूट-बूट चाहिये. आपको मानना होगा की ऐसा ही है. यह उन लोगों के साथ
सरासर अन्याय है जिन लोगों ने वोट डाले आपको चुना. और अब आप सच का सामना करने से
पीछे हट रहे हैं. ऐसा आप अन्य चैनल पर कर सकते हैं. इस चैनल पर..
राजनेता 2 – आप सही
कह रहे हैं. पर एक बात की आप को सोचना होगा. क्या सिर्फ राज परिवार वालों को सूट-बूट
पहनने का अधिकार है या नहीं?.
राजनेता 3 – हमने तो
सुना है की नेहरु जी के दादा जी के कपड़े धुलने विलायत जाते थे.
राजनेता 1, 2 और
एंकर (तीनों एक साथ) – आप क्या अंटशंट बोल रहे हैं.... हाँ यही बात है.... यही सच है....
नेहरु जी के.....और सच हमारे ही चैनल पर सब के सामने आया.... मैं कह रहा था की राहुल
जी......कम्युनल....किसान...
एंकर – समय की
पाबंदी है. पर हम ने सच को उजागर कर ही दिया. यही अंतर है हमारे चैनल में और अन्य
चैनलों में. हम सत्य तक पहुँच ही जाते हैं. आप सब ने जिस भांति खुले मन से अपने
विचार सब के सामने रखे उस के लिए आप सब का बहुत-बहुत धन्यवाद. और अगली चर्चा बहुत ....
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